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राजिम कुंभ कल्प में पतली रस्सी पर करतब देख दर्शक हुए रोमांचित

राजिम कुंभ कल्प में जहां मेलार्थियों के लिए भरपूर मनोरंजन का केंद्र होता है। घूम-घूमकर छोटे बच्चे से लेकर बड़े बुजुर्ग तक इसके हर पल का आनंद लेते है। वहीं मेला में कई प्रकार के लोग आते है, जो अपने आर्थिक स्थिति को भी मजबूत बनाते हैं। अपनी विभिन्न सामग्री को आकर्षक ढंग से सजाते है उसका विक्रय करते है। लेकिन मेले में कुछ ऐसे भी दृश्य दिखाई देते है जिसे देखकर आनंद की प्राप्ति तो होती ही है लेकिन एक प्रश्न भी उठता है इतनी छोटी उम्र में अद्भुत कला को कैसे सीख लेते है? राजिम कुंभ में नदी परिसर के पास कवर्धा से आई शीतल जो रस्सी पर बेखौफ चलकर अपने करतब से दर्शकों को आश्चर्यचकित कर दिया। दोनों ओर खुंटे के बीच तनी रस्सी में वह संतुलन स्थापित करती है और वह दोनो हाथ से डंडा पकड़ी सिर पर चार कलश रखकर तेज गति से रस्सी पर जब वह चलती है और करतब दिखाती है तब दर्शको की तालियो की गड़गड़ाहट होती है तो उनकी हौसलो को नई उड़ान मिलती है। पतली रस्सी में उसके पैर जरा भी नहीं लड़खड़ाते फिल्मी गीतों की धुन में मस्त रहकर पूरे जोश से अपने कला का प्रदर्शन करती बच्ची के चेहरे में एक अलग प्रकार की चमक दिखाई देती है।

उसकी मां उमादेवी ने बताया कि इस करतब को दिखाने के लिए बचपन से ही उन्हें प्रशिक्षण देते है और अलग-अलग स्थानों में जहां मेला लगता है या बड़े आयोजन होते है वहां जाकर अपना करतब दिखाते है। उनके परिवार का यही एक मात्र कमाई का एक जरिया है। घर में कोई पुरूष न होने के कारण छोटे बच्चों को पालने के लिए हमें यह करना पड़ता है। भीख मांगकर खाने से बेहतर है कि अपने हुनर से मजबूत बने और किसी के उपर बोझ न रहकर अपनी कमाई करें। पढ़ाई करने की उम्र में इस प्रकार कार्य से उनका भविष्य अंधकारमय होता है इस प्रश्न के उत्तर में उन्होने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ ही इस कला को अपनाये है हर वर्ष मेले में आते है विगत कई वर्षो से हम मेले में आ रहे है लेकिन इस बार राजिम की भव्यता देखते ही बन रही है और इस करतब की सराहना करने के साथ-साथ दर्शक प्रोत्साहन स्वरूप रूपये दे रहे है। जिससे अच्छी कमाई हो रही है।