Mai wada nibhanhu

फिल्म समीक्षा-एकान्त चौहान (CGFilm.in) याकूब खान के डायरेक्शन में बनी छत्तीसगढ़ी फिल्म मैं वादा निभाहूं आज रिलीज हुई। कोरोना संकट के चलते काफी लंबे अरसे बाद कोई छत्तीसगढ़ी फिल्म बड़े परदे पर रिलीज होगी, तो दर्शक अवश्य ही देखने दौड़ लगाएंगे। वैसे भी मैं वादा निभाहूं फिल्म पूरी तरह पैसा वसूल फिल्म है। फिल्म में रोमांस, एक्शन के साथ ही एक के बाद एक लगातार आपको कॉमेडी का डोज मिलते रहेगा।

कहानी
फिल्म की कहानी आम फिल्मों की तरह ही है। इसमें बचपन की यादों के साथ वादों को भी बखूबी दिखाया गया है। बाल कलाकारों के जवान होते ही फिल्म पटरी पर दौडऩे लगती है। फिर शुरू होता है लव, एक्शन और धमाका का सिलसिला। दबंग पुलिस वाले (अमित चक्रवर्ती) की बहन अपने बचपन के दोस्त चंदन से प्यार करती है, पर वो कह नहीं पाती। इसी बीच एंट्री होती है फिल्म की लीड हीरोईन आरती (प्रतिभा चौहान) की। जो उन दोनों के बीच की यादों और दूरियों को खत्म कर दोनों को मिलाने का काम करती है। इस बीच आरती भी साहिल यानी अमित चक्रवर्ती से प्यार करने लगती है। पर बहन और चंदन के प्यार को बर्दाश्त न करने वाला दबंग पुलिस वाले आखिरकार अपने वादे के खातिर झुक जाता है और फिल्म का हैप्पी इंडिंग होता है। इस बीच विलेन की एंट्री और एक के बाद एक कॉमेडियन की एंट्री दर्शकों को बांधे रखती है।

नए कलाकारों की भरमार
फिल्म मैं वादा निभाहूं में आपको नए कलाकारों की भरमार देखने को मिलेगी। इसमें चाहे लीड रोल में या फिर दीगर रोल में, नए कलाकार ही नजर आएंगे। अब ये कलाकार दर्शकों को अपनी ओर खींचने में कितने कामयाब होंगे, ये तो वक्त ही बताएगा। पर इतना तो अवश्य है कि सारे कलाकारों ने अपने-अपने किरदार के साथ बराबर न्याय किया है और दर्शकों तक अपनी एक अलग ही पहचान बनाने में कामयाब जरूर होंगे।

पुलिस वाले के रोल में खूब जंचे अमित
दंबग फिल्म वाले के रोल में अमित चक्रवर्ती ने अपने किरदार को भरपूर जिया है। चाहे डॉयलॉग हो या फिर चाल, वो वाकई पुलिसमैन दिखाई देते हैं।

गंभीर रोल में खूब जंचे सुदेश
फिल्म में एक और कैरेक्टर है, जिसे दर्शक अवश्य ही याद रखेंगे। वो रोल है सुदेश त्रिपाठी यानी चंदन का। सुदेश ने अपनी रोल और संवाद अदायगी में भरपूर न्याय किया। एक जिम्मेदार युवक के रोल में वे खूब जंचे। उनकी एंट्री होते ही दर्शक डॉयलॉग सुनने शांत हो जाते थे।

प्रतिभा ने दिखाई प्रतिभा
बतौर हीरोईन प्रतिभा चौहान ने मैं वादा निभाहूं में अपनी प्रतिभा को निखारने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। फिल्म में उसका किरदार एक चुलबुली लड़की का है। फिल्म के हर सीन में उसने अपने किरदार को बखूबी निभाया है।

भारी पड़े बजरंगी
फिल्म में बजरंगी के किरदार में याकूब खान ने अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है। जो दर्शकों जरूर याद रहेगा। क्योंकि उनका रोल ही कुछ ऐसा रहा है। वो विलेन के किरदार में हैं। पर विलेन भी ऐसा कि क्या कहना? हर एंट्री में गाने की चंद लाइनें…जिसे दर्शकों ने काफी पसंद किया। कहीं-कहीं तो बजंरगी दबंग पुलिस वाले साहिल पर भी भारी पड़ते दिखे।

कॉमेडी का भरपूर डोज
फिल्म में कॉमेडी का भरपूर डोज है। इसलिए आप बिल्कुल भी बोर नहीं होंगे।

सीनियर कलाकारों की कमी
फिल्म में अधिकांश नए कलाकारों को अवसर दिया गया है। इसलिए इसमें सीनियर कलाकारों की कमी देखने को मिली। वैसे भी फिल्म में यदि एक भी सीनियर कलाकार हो तो वह दर्शकों को खींचने में कामयाब हो जाते हैं।

गीत और संगीत पक्ष बहुत ही अच्छा
यदि आप छत्तीसगढ़ी गानों को सुनना पसंद करते हैं, तो बिल्कुल आपको इस फिल्म के गाने जरुर पसंद आएंगे। फिल्म में कुल 6 गाने हैं और हर गाना आपको आकर्षित जरूर करेगा। खासकर तारा साहू का गाया गाना और राखी गीत। वहीं फिल्म का संगीत पक्ष भी काफी अच्छा रहा है। पर फिल्म सिर्फ संगीत के सहारे चल जाए, ऐसा संभव नहीं है। स्क्रीन पर दर्शक कहानी और स्क्रिप्ट का लुत्फ उठाने ही थियेटर तक पहुंचते हैं।

औसत रहा डायरेक्शन
फिल्म की कहानी वैसे तो कुछ जगहों पर पटरी पर उतरती दिखी, लेकिन डायरेक्टर ने उसे वापस अंत तक पटरी पर लौटा ही दिया। इसके साथ ही यदि डायरेक्शन पक्ष की बात करें तो फिल्म में डायरेक्शन पक्ष को औसत ही कहा जा सकता है। फिल्म के कुछेक दृश्य पर जहां दर्शकों ने भरपूर तालियां बजाई, पर कुछेक दृश्य उनके गले ही नहीं उतर पा रही थी।फिल्म समीक्षा

अंत में
कुल मिलाकर यदि आप छत्तीसगढ़ी फिल्में देखने का शौक रखते हैं, तो बेशक इस फिल्म को एक बार जरूर देख सकते हैं। आपको एक बार फिर बता दें कि ये फिल्म टोटल पैसा वसूल फिल्म है। आप परदे पर लगातार फिल्म देखते रहेंगे और कब फिल्म खत्म हो जाएगी, यह आपको पता ही नहीं चलेगा। क्योंकि फिल्म में लगातार हर पात्र अपने अदाकारी से आपके चेहरे पर हंसी जरूर लाएगा।फिल्म समीक्षा