Chhaya Chandrakar

CGfilm.in राजिम माघी पुन्नी मेला में मुक्ताकाशी मंच पर डौंडीलोहारा लोक सिरजन के कलाकरों ने मनमोहक प्रस्तुति दी। इनकी पहली प्रस्तुति दाई वो निक लागे तोर भुवन… के साथ छत्तीसगढ़ महतारी को समर्पित जय छत्तीसगढ़  जय छत्तीसगढ़ इस गीत के माध्यम से छत्तीसगढ़ में पाये जाने वाले संस्कृति का बखान किया। लोक सिरजन की अगली प्रस्तुति के रूप में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए लघु प्रहसन के माध्यम से बताया गया कि देश के लिए हमें सबकुछ त्याग करने के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए। हम जियेंगे और मरेंगे ऐ वतन तेरे लिए…, वन्दे मातरम्… राष्ट्रभक्ति गीतों ने वातावरण को देश भक्तिमय बना दिया।भोजली, गौरी-गौरा, राऊत नाचा, ड़ण्ड़ा नृत्य, सुआ नृत्य, देवार गीत, पंथी गीत, छेरी के छेरा, जंवारा विसर्जन आदि की प्रस्तुति ने दर्शकों को बांधे रखा। इसके बाद छश्रीसगढ़ के राजा गीत कर्मा की प्रस्तुति दी गई। अंत मे इनकी प्रस्तुति बस्तरिया नृत्य की दी गई। मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के अगले क्रम में छश्रीसगढ़ की फिल्मी गायिका छाया चन्द्राकर ने शानदार दी। इन्होंने गणेश वंदना कर कार्यक्रम की शुरूआत की। छत्तीसगढ़  महतारी को समर्पित करते हुए जय हो छत्तीसगढ़ महतारी तोर पांव… गीत को सुन दर्शकों ने तालियों से सम्मान किया। बस्तर के अंगा देवता के गीत रे-रे रेला हो…..

को शोभायात्रा के माध्यम से दर्शया गया। छत्तीसगढ़  के आस-पास चलने वाली गीत नदिया के तीर म पीपर के छांव म… इस गीत ने मंच पर अलग ही छाप छोड़ गया। कारी फिल्म के गीत बांहा भर चुरी मै मांगो मयारू जोडी… की प्रस्तुति ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। लोक मंच लोक छाया के कलाकारों के द्वारा हास्य प्रहसंग साक्षरता की प्रस्तुति दी गई जिसमें फिल्मी दुनिया के नाना पाटेकर, दीलिप कुमार, राजकुमार, शाहरूख खान की हूबहू आवाज निकालकर दर्शकों को लोट-पोट किया। इस प्रहसंग के माध्यम से बताया गया कि हम कितनों भी शिक्षित हो जाये हमें अपनी संस्कृति को नही छोडऩी चाहिए। अंत में सभी कलाकरों का सम्मान केन्द्रीय समिति के सदस्यगण, स्थानीय प्रतिनिधियों द्वारा किया गया।