फिल्मों के जरिए छत्तीसगढ़ी संस्कृति और विरासत पर फोकस करने का इरादा
CGFilm.in से खास चर्चा
CGFilm.in (एकान्त चौहान)। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के साथ ही छत्तीसगढ़ी फिल्मों का निर्माण भी तेजी से हो रहा है। एक के बाद एक आ रही कई सुपरहिट फिल्मों ने दर्शकों के बीच अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है। इसके साथ ही यू-ट्यूब चैनल पर छत्तीसगढ़ी वीडियो, एलबम और शार्ट मूवी के साथ ही अब वेबसीरिज भी आने लगे हैं। इससे साफ जाहिर है कि छत्तीसगढ़ी फिल्में भी दर्शकों को पसंद आ रही हैं और उनका रिस्पांस भी अच्छा मिल रहा है। आज हम आपका परिचय कराने जा रहे हैं, एक ऐसे युवक जिनकी के दो वीडियो सांग आ चुके हैं और कुछ और आने वाले हैं। ये युवा हैं वीर जी। वीर जी की हाल ही में एक वीडियो एलबम तोर मया ला पाके रिलीज हुई। इससे पहले उनका पहला एलबम गोरी आ रे…रिलीज हुआ था।
CGFilm.in से फोन पर हुई चर्चा में वीर जी ने अपने वीडियो सांग को लेकर चर्चा की। उनका कहना है कि उनके अब तक 4 कवर सांग और 2 वीडियो सांग सामने आए हैं, लेकिन आने वाले दिनों में कुछ और वीडियो सांग भी आएंगे, जो निश्चित ही दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करेंगे। छत्तीसगढ़ी फिल्मों के निर्माण को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उनका कहना था कि अभी मेरी शुरूआत तो वीडियो सांग से हुई, लेकिन वे निश्चित छत्तीसगढ़ की संस्कृति और विरासत को लेकर फिल्में जरूर बनाएंगे। उनका सपना है कि छत्तीसगढ़ की फिल्में बॉलीवुड तक पहुंचे और हमारे राज्य छत्तीसगढ़ की पहचान और पुख्ता हो।
मोर छईयां भुईयां…मयारू भौजी, झन भूलौ मां-बाप ला…जैसी सैकड़ों फिल्में वीर जी पसंदीदा छत्तीसगढ़ी फिल्में हैं। क्योंकि इन फिल्मों में छत्तीसगढ़ी की संस्कृति को बहुत ही अच्छे से फिल्मांकन किया गया था। वीर जी भी छत्तीसगढ़ की संस्कृति और संस्कृति को लेकर फिल्म बनाने का इरादा रखते हैं। उनका कहना है कि हमारा छत्तीसगढ़ कई विरासत अपने अंदर समेटे हुए है। और फिल्में संस्कृति और विरासत को सामने का लाने का बेहतरीन माध्यम हैं, इसलिए वे आने वाले दिनों में इस पर फिल्म जरूर बनाएंगे।
प्रस्तुत है वीर जी के साथ सीजीफिल्म.इन की चर्चा के कुछ और अंश :-
एकान्त चौहान : बतौर हीरो परदे में आना चाहेंगे?
वीर जी : जी बिल्कुल, फिल्म निर्माण के साथ-साथ सभी के आशीर्वाद और सहयोग से मैं बतौर हीरो परदे पर जरूर आना चाहूंगा। हर कलाकार की तमन्ना होती है वो लीड रोल में नजर आए, तो मेरा भी है।
एकान्त चौहान : क्या आपको ये लगता है कि छत्तीसगढ़ी फिल्मों को दर्शक नहीं मिलते?
वीर जी : जी कुछ समय पहले तो ऐसा लगता भी थी, लेकिन आज जो छत्तीसगढ़ी फिल्में भी बन रही हैं, वो दर्शकों की पसंद को ध्यान में रखकर बनाई जा रही हैं और ऐसा बिल्कुल नहीं है कि छत्तीसगढ़ी फिल्मों को दर्शक नहीं मिलते। बल्कि मेरा मानना है कि यदि छत्तीसगढ़ी फिल्मों का प्रचार-प्रसार सही तरीके से हो तो निश्चित हर छत्तीसगढ़ी फिल्मों को दर्शक को मिलेंगे। इसके साथ ही मेरा मानना है कि इंटरनेट के जमाने में आज छत्तीसगढ़ी फिल्मों का ऑनलाइन प्रचार-प्रसार भी होना चाहिए।
एकान्त चौहान : छत्तीसगढ़ी फिल्मों का भविष्य?
वीर जी : पहले से अच्छी स्थिति में है छत्तीसगढ़ी फिल्में, आने वाले समय में और बेहतरीन होगा। क्योंकि इसमें अब लगातार एक के बाद एक प्रयोग हो रहे हैं, जो दर्शकों को अपनी ओर खींचने में कामयाब हो रहे हैं।
एकान्त चौहान : ओटीटी प्लेटफॉर्म को मनोरंजन का बड़ा साधन मानते हैं?
वीर जी : बिल्कुल सही, ओटीटी आज मनोरंजन का बड़ा प्लेटफॉर्म है। इसमें बड़े-बड़े बैनर की फिल्में भी रिलीज हो रही हैं। निश्चित ही आने वाले समय में ये और दर्शकों तक आसानी से पहुंच जाएगा।
एकान्त चौहान : जी, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद…
वीर जी : जी, आपका भी बहुत-बहुत धन्यवाद…।