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रायपुर। राजधानी में आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में देश भर की लोकनृत्य की प्रतिभाओं द्वारा प्रस्तुति की जा रही है। इसके माध्यम से न केवल इन राज्यों में जनजातीय क्षेत्रों में प्रचलित नृत्यों के रूप दिखाई दे रहे हैं अपितु उनके आकर्षक और सुंदर परिधान और आकर्षक साजसज्जा की विशिष्टता भी झलक रही है। असमिया लोककलाकारों ने आज बोरो नृत्य की सुंदर प्रस्तुति दी। असम की खास डिजाइनर परंपरागत साड़ियों में परंपरागत रूप से सजी लोककलाकारों ने स्थानीय सुमधुर वाद्ययंत्रों के बीच बोरो नृत्य की प्रस्तुति दी। लोककलाकारों ने गले में मोतियां पहनी थीं और बालों में फूलों की सज्जा की थीं। पूरा असमिया वस्त्र विन्यास और सजावट की लोकपरंपरा दर्शकों के सामने सजीव हो उठी। चटख रंगों के साथ नृत्य की आकर्षक मुद्राओं ने दर्शकों के बीच समां बांध दिया। नृत्य की खास विशेषता इसकी लय थी। लय के साथ झूमते हुए लोक कलाकारों ने कृषि संस्कृति पर आधारित असम की लोककलाओं को दर्शकों के सामने जीवंत कर दिया।