मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज गांधी जयंती के मौके पर दोनों विभूतियों के नाम से पुरस्कार दिए जाने की यह घोषणा रायपुर के शहीद स्मारक भवन में गांधी, युवा और नए भारत की चुनौतियां विषय पर आयोजित कार्यक्रम में की। मुख्यमंत्री श्री बघेल की इस घोषणा का कला, साहित्य, पर्यावरण जगत के लोगों ने स्वागत करते हुए आभार जताया है।

गौरतलब है कि प्रसिद्ध रंगकर्मी, नाटककार और निर्देशक स्वर्गीय श्री हबीब तनवीर का छत्तीसगढ़ से गहरा नाता रहा है। उनका जन्म 01 सितम्बर 1923 को रायपुर में हुआ था। बहुमुखी प्रतिभा के धनी स्वर्गीय श्री हबीब तनवीर शिक्षा हासिल करने के बाद 1945 में वे मुम्बई चले गये और प्रोड्यूसर के तौर पर आकाशवाणी में नौकरी शुरू की। वहां रहते हुए उन्होंने हिन्दी फिल्मों के लिए गाने लिखा। कुछ फिल्मों में अभिनय भी किया। कई नाटकों की रचना की। हबीब तनवीर को कई अवार्ड एवं वर्ष 2002 में पद्म विभूषण सम्मान मिला। वे 1972 से 1978 तक राज्यसभा सांसद भी रहे। उनका नाटक चरणदास चोर, एडिनवर्ग इंटरनेशनल ड्रामा फेस्टीवल (1982) में पुरस्कृत होने वाला ये पहला भारतीय नाटक गया। उनकी प्रमुख  कृतियों में आगरा बाजार (1954) चरणदास चोर (1975) शामिल है।

जाने माने लेखक, संपादक, छायाकार और गाँधीवादी पर्यावरणविद् स्वर्गीय अनुपम मिश्र का जन्म महाराष्ट्र के वर्धा में सरला मिश्र और प्रसिद्ध हिन्दी कवि भवानी प्रसाद मिश्र के यहाँ सन 1948 में हुआ। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से 1969 में संस्कृत से स्नातकोत्तर किया। कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद वो दिल्ली स्थित गाँधी शांति प्रतिष्ठान से जुड़ गए।  पर्यावरण के लिए वह तब से काम कर रहे थे, जब से देश में पर्यावरण का कोई विभाग नहीं खुला था। उनकी कोशिश से सूखाग्रस्त अलवर में जल संरक्षण का काम शुरू हुआ जिसे दुनिया ने देखा और सराहा। उन्हें वर्ष 2007-2008 में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा चंद्रशेखर आज़ाद राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्ष 2011 में उन्हें देश के प्रतिष्ठित जमनालाल बजाज पुरस्कार से नवाजा गया। वर्ष 1996 में इंदिरा गाँधी पर्यावरण पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।